श्री रामदेव जी की आरती


।। श्री रामदेव जी की आरती - 1 ।।


ओउम जय श्री रामादे स्वामी जय श्री रामादे।

पिता तुम्हारे अजमल मैया मेनादे॥

ओउम जय श्री रामादे स्वामी जय श्री रामादे॥


रूप मनोहर जिसका घोड़े असवारी।

कर में सोहे भाला मुक्तामणि धारी॥

ओउम जय श्री रामादे स्वामी जय श्री रामादे॥


विष्णु रूप तुम स्वामी कलियुग अवतारी।

सुरनर मुनिजन ध्यावे जावे बलिहारी॥

ओउम जय श्री रामादे स्वामी जय श्री रामादे॥


दुख दलजी का तुमने भर में टारा।

सरजीवन भाण को तुमने कर डारा॥

ओउम जय श्री रामादे स्वामी जय श्री रामादे॥


नाव सेठ की तारी दानव को मारा।

पल में कीना तुमने सरवर को खारा॥

ओउम जय श्री रामादे स्वामी जय श्री रामादे॥


।। श्री रामदेव जी की आरती - 2 ।।


पिछम धरां सूं म्हारा पीर जी पधारिया, घर अजमल अवतार लियो।

लाछां सुगणा करे थारी आरती, हरजी भाटी चंवर ढोले॥

पिछम धरां सूं म्हारा पीर जी पधारिया॥


गंगा जमुना बहे सरस्वती, रामदेव बाबो स्नान करे।

लाछां सुगणा करे थारी आरती, हरजी भाटी चंवर ढोले॥

पिछम धरां सूं म्हारा पीर जी पधारिया॥


घिरत मिठाई बाबा चढे थारे चूरमो, धूपारी महकार पङे।

लाछां सुगणा करे थारी आरती, हरजी भाटी चंवर ढोले॥

पिछम धरां सूं म्हारा पीर जी पधारिया॥


ढोल नगाङा बाबा नोबत बाजे, झालर री झणकार पङे।

लाछां सुगणा करे थारी आरती, हरजी भाटी चंवर ढोले॥

पिछम धरां सूं म्हारा पीर जी पधारिया॥


दूर-दूर सूं आवे थारे जातरो, दरगा आगे बाबा नीवण करे।

लाछां सुगणा करे थारी आरती, हरजी भाटी चंवर ढोले॥

पिछम धरां सूं म्हारा पीर जी पधारिया॥


हरी सरणे भाटी हरजी बोले, नवों रे खण्डों मे निसान घुरे।

लाछां सुगणा करे थारी आरती, हरजी भाटी चंवर ढोले॥

पिछम धरां सूं म्हारा पीर जी पधारिया॥


।। श्री रामदेव जी की आरती - 3 ।।


जय श्री रामदेव अवतारी, कलयुग में धणी आप पधारे।

सतयुग में बाबा विष्‍णु बन आए, मधु-कटैभ को मार गिराये।

ब्रह्मा जी को आप ऊबारो, देव श्री कहलाये॥


जय श्री रामदेव अवतारी, कलयुग में धणी आप पधारे।

त्रेता में बाबा राम बन आए, रावण को मार गिराये।

महाबीर की आप उबारो, पुरूषोत्‍तम कहलाये॥


जय श्री रामदेव अवतारी, कलयुग में धणी आप पधारे।

द्वापर में बाबा कृष्‍ण बन आए, कंस को मार गिराये।

सुदामा को आप उबारो, वासुदेव कहलाये॥


जय श्री रामदेव अवतारी, कलयुग में धणी आप पधारे।

कलयुग में बाबा रामदेव बन आए, भैरों-राकस को मार गिराये।

बोहिता बनिए को आप उबारो, रामपीर कहलाये॥


जय श्री रामदेव अवतारी, कलयुग में धणी आप पधारे।

माता मैनादे पिता अजमाल जी, बाबा संग में डाली आये।

देबो साबो पुत्र थारे, नेतली कहलाये॥


जय श्री रामदेव अवतारी, कलयुग में धणी आप पधारे।

श्री रामपीर की आरती, जो कोई नर गाये।

जन्‍म-जन्‍म के कष्‍ट मिटे, भव सागर तर जाये॥


जय श्री रामदेव अवतारी, कलयुग में धणी आप पधारे।

गरू नरसिंह पाण्‍डे शरणे – ”बाबा”, प्रकाश पाण्‍डे गाये।

प्रेमनगर में मन्दिर तिहारा, गढ़ सिरसा कहलाये॥


।। श्री रामदेव जी की आरती - 4 ।।


जय अजमल लाला प्रभु, जय अजमल लाला।

भक्‍त काज कलयुग में लीनो अवतारा॥

जय अजमल लाला प्रभु, जय अजमल लाला॥


अश्‍वनकी अवसारी शोभीत केशरीया जामा।

शीस तुर्रा हद शोभीत हाथ लीया भाला॥

जय अजमल लाला प्रभु, जय अजमल लाला॥


डुब्‍त जहाज तीराई भैरव दैत्‍य मारा।

कृष्‍णकला भयभजन राम रूणेचा वाला॥

जय अजमल लाला प्रभु, जय अजमल लाला॥


अंधन को प्रभु नेत्र देत है सु संपती माया।

कानन कुंडल झील मील गल पुष्‍पनमाल॥

जय अजमल लाला प्रभु, जय अजमल लाला॥


कोढी जय करूणा कर आवे होंय दुखीत काया।

शरणागत प्रभु तोरी भक्‍तन सुन दाया॥

जय अजमल लाला प्रभु, जय अजमल लाला॥


आरती रामदेव जी की नर नारी गावे।

कटे पाप जन्‍म-जन्‍म के मोंक्षां पद पावे॥

जय अजमल लाला प्रभु, जय अजमल लाला॥


जय अजमल लाला प्रभु, जय अजमल लाला।

भक्‍त काज कलयुग में लीनो अवतारा, जय अजमल लाल॥

जय अजमल लाला प्रभु, जय अजमल लाला॥