तुम मोरी राखो लाज हरि, तुम मोरी राखो लाज हरि ।
तुम मोरी राखो लाज हरि, तुम मोरी राखो लाज हरि ॥
तुम जानत सब अंतरयामी, तुम जानत सब अंतरयामी ।
करनी कछु ना करी, तुम मोरी राखो लाज हरि ॥
तुम मोरी राखो लाज हरि, तुम मोरी राखो लाज हरि ॥
अवगुन मोसे बिसरत नाहिं, अवगुन मोसे बिसरत नाहिं ।
पलछीन घडी घडी, सब परपंच की पोट बाँधि कै अपने शीश धरी ॥
तुम मोरी राखो लाज हरि, तुम मोरी राखो लाज हरि ॥
दारा सूत मन मोह लिए है, दारा सूत मन मोह लिए है ।
मोह लिए है मन मोह लिए है, सुध-बुध सब बिसरी ॥
तुम मोरी राखो लाज हरि, तुम मोरी राखो लाज हरि ॥
सुर पतित को बेगि उबारो, सुर पतित को बेगि उबारो ।
अब मोरी नाव भरी, तुम मोरी राखो लाज हरि ॥
तुम मोरी राखो लाज हरि, तुम मोरी राखो लाज हरि ॥