बड़ी देर भई नंदलाला


बड़ी देर भई नंदलाला, तेरी राह तके बृजबाला।

बड़ी देर भई नंदलाला, तेरी राह तके बृजबाला।


ग्वाल-बाल इक-इक से पूछे, कहाँ है मुरली वाला रे।

बड़ी देर भई नंदलाला, तेरी राह तके बृजबाला।


कोई ना जाए कुञ्ज गलिन में, तुझ बिन कलियाँ चुनने को।

तरस रहे हैं जमुना के तट, धुन मुरली की सुनने को।

अब तो दरस दिखा दे नटखट, क्यों दुविधा में डाला रे॥


बड़ी देर भई नंदलाला, तेरी राह तके बृजबाला।

बड़ी देर भई नंदलाला, तेरी राह तके बृजबाला।


संकट में है आज वो धरती, जिस पर तूने जनम लिया।

पूरा कर दे आज वचन वो, गीता में जो तूने दिया।

कोई नहीं है तुझ बिन मोहन, भारत का रखवाला रे॥


बड़ी देर भई नंदलाला, तेरी राह तके बृजबाला।

बड़ी देर भई नंदलाला, तेरी राह तके बृजबाला।


ग्वाल-बाल इक-इक से पूछे, कहाँ है मुरली वाला रे।

बड़ी देर भई नंदलाला, तेरी राह तके बृजबाला।