श्री सालासर बालाजी चालीसा


II दोहा II

गुरु गिरा अरु गणपति, पुनि विनवऊॅ हनुमान I

सालासर के देवता सदा करो कल्याण II

लाल देह की लालिमा मूर्ति लाल ललाम I

हाथ जोड़ विनती करूं पुरण करो सबके काम II


II चौपाई II

जय जय जय सालासर धामा I पावन रुचिर लोक अभीरामा II

जिमि पावन मथुरा अरू काशी I पुष्कर कुरुक्षेत्रं सुखरासी II


अवधपुरि, गंगे हरिद्वारा I सालासर शुभ वरणु विचारा II

राजस्थान सीकर निहराये I लक्ष्मणगढ़ नगर मन भाये II


तेहि नियम सालासर ग्रामा I सर्कल भान्ति शुभ शुचि सुकधामा II

सिद्ध पीठ यह परम पुनिता I हनुमत दर्शन सब दु:ख बीता II


ताते विनय करो सुनु बाई I भजहुं पवनसुत सुमति पाई II

सालासर हनुमत जिमि आवा I कहुं सकल सुनु मन समुझावा II


मोहनदास विप्र सब जाना I भक्ति भाव गुण ज्ञान निधाना II

उदय संगं ले खेत कमाये I एक बार हनुमत तहं आये II


कह कपि विप्र सुनो मम बानी I कीजे ध्यान भक्ति जिय जानी II

तब तजि मोहन विप्र विचारी I हनुमत जन सदा सुखकारी II


करई भजन भक्ति अरू ध्याना I नित्य होई मिलन हनुमाना II

आसोटा मुरति प्रगटाये I ले ठाकुर सालासर आये II


विक्रम अष्टादश शत ग्यारह I आयऊ हनुमत रवि जिमि बारह II

श्रावण सित नवमी शनीवारा I थायन योग भूमि असवारा II


मोहन पूजन हवन करवाई I कपि मूरति थापी सुखदाई II

आरती मोहन मंगल गावा I ढोल नगारा शब्द मुहावा II


चढे़ चूरमा भोग लगाये I भजन कीर्तन सब मिलकर गाये II

एक बार मोहन मन भाई I भई प्रेरणा मुर्त सजाई II


चित्र रचा जो मन सुखदाई I भये प्रसन्न हनुमत कपिराई II

घृत सिंदूर थाल भर लीना I मुरत लाल ललित कर दीना II


मोहन बोले उदय बुलाई I हनुमत कहं अवराधै आई II

सेवहुं हनुमत लग्न लगाई I नित प्रति भगती बढै सवाई II


सालासर जयकार मुहाई I चहुंदिशी घंटा धुनि मन भाई II

दिन दिन हो मंदिर विस्तारा I पूजा करे उदय परिवारा II


मंगल पूनम जो मन भाये I सालासर शुभ दर्शन पाये II

ध्वजा नारियल आत चढ़ाये I खांड चूरमा भोग लगाये II


हनुमत भजन करइ मन लाई I सालासर हनुमान मनाई II

एहिविधि आई धोक लगाये I मन इच्छा फल सब जन पाये II


आत्म ज्ञान बढे़ नित नाया I जब ते होय हनुमत दाया II

सब विघ्न कष्ट विकार हटावे I सालासर शरणा जो जावे II


चिंता सांपिनी ताको भाजे I जाके हिय में हनुमत राजे II

हनुमत दर्शन अति मन भाई I लाल देह छवि कहि नहिं जाई II


दूर-दूर से आवे लोग लुगाई I बड़े भाग ते दर्शन पाई II

करहि सफल सब निज निज लोचन I करि करि दर्शन संकट मोचन II


हनुमत महिमा चहुंदिशि गाजे I सालासर हनुमान विराजे II

सालासर शुभ धाम भजामी I जय जय जय बजरंग नमामि II


इंद्रजीत कपिराई सहाई I सालासर महिमा जो गाई II

सालासर हनुमत चालीसा I पढें सुने शुभ करे कपीसा II


II दोहा II

चालीसा शुभ धाम का, गाये जो चितलाय I

इंद्रजीत भगति बढें, दया करे कपिराय II

ओम सुमर गाते रहो, नित श्री सीताराम I

सालासर शरणा गहो, करि हनुमत प्रणाम II